Thursday, October 2, 2014

वृदावन से

भित्रों ,
पयटन की जिज्ञासा इस बार वृंदावन ले आयी।मै इस्कान मंदिर मे  भगवत सत्र में बैठी हूं। बोलने वाला क्या कह रह है वो जाने ।मुझे जो देखना है वो देख रही हूं। संस्कृतियों का अद्घभुत सगंम जो इसी देश में सभ्मव है।
देश विदेश के लोग यहां एकत्र है।विदेशी संस्था द्वारा संचालित मंदिर अत्यन्त कृष्ण मय है।पर यह उनका अपना ढ़ग से कृष्ण को समझने की इनकी जिद् ।आप कुछ कहे पर यहां भिन्न भिन्न देशों के लोग कृष्णमय है।हरे कृष्णा हरेकृष्ण से गुजाय मान है।दुनिया का हर मानव जन्म मृत्यु के इस चक्र को समझने को व्याकुल है ।इस लिये घूम रहा है मन्दिर मन्दिर ,शहर शहर, शायद कही मिल जाये ।कुछअनुरतरित प्रश्नों के जवाब।

Wednesday, October 1, 2014

राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान

कल दो अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी  ने राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान चलाने का निणर्य लिया है ।इस अभियान की शुरुवात राजकीय स्तर पर अर्थात् राजकीय कार्यालयों एवं सरकारी स्कूलों में किया जायेगा।
इसके लिये कल दो अक्टूबर के अवकाश के दिन आधे दिन कार्यालय खोले जायेगें। सभी अधिकारी एवं कर्मचारी इसमें हिस्सा लेगें।अपने अपने कार्यालय साफ करेगें।उसके उपरांत सफाई और स्वच्छता के प्रति सजग रहने का और इस कार्य में समय लगने की भी शपथ लेगें।एक उम्दा शुरुवात।
   इस कार्य के लिये शुरुवात करने दिन भी महात्मा गांधी के              जन्म दिवस को चुनना भी सार्थक है।
प्रत्येकवर्ष में सौ घण्टे या सप्ताह मे दो घण्टे श्रमदान करुंगा।
मैं ना गदंगी करुगां ना किसी को करने दूंगा।जो देश स्वच्छ दिखते है उसका कारण वहां के नागरिक ना गंदगी करते हैं ना गंदगी होने देते हैं।
हमारे देश की परंपरा ही स्वच्छता है। हमारे घर तो प्रातःकाल और सांयकाल सूरज छिपने से पहले दोबारा स्वच्छ होते है।
दीपावली के अवसर पर घरों में व्यवसायिक संस्थानों में व्यापक सफाई होती है।जिससे साल भर में जो अनर्गल वस्तुयें जमा हो जाती हैं ,उनका निस्तारण हो जाता है।
परन्तु गत वर्षों में जब से शहरों के आकार में वृद्धि हुई है तब से नागरिकों में सिविक सेन्स की कमी आ गयी है । हम घर तो साफ कर लेते हैं पर गली और मौहल्ला गन्दा करते है।
कल शुरू हो रहे अभियान में हमें अपने मौहल्ले ,गली , शहर गांव को साफ रखने के लिये पहल करनी होगी।हमें अपनी माताओं ,बहनों को इस पर पहल करके बच्चों को बचपन से ही सफाई का महत्व समझाना होगा।हमें अपने शरीर ,घर को साफ रखने के साथ गली, शहर ,गांव, ढाणी को सदैव स्वच्छ रखने का प्रण लेना होगा । तभी हमारा स्वच्छ भारत का सपना साकार कर पायेगें।


पुस्तक समीक्षा ः एक महात्मा एक संत

​ पुस्तक समीक्षा             *एक था डॉक्टर   था संत*            ( आम्बेडकर गांधी संवाद )  लेखिका - अरुन्धती राय पृष्ठ संख्या -139  क़ीमत - 2...